
अयोध्या/लखनऊ: 5 अगस्त 2020 वो दिन था, जब पीले वस्त्र पहने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजन कर भव्य राम मंदिर की नींव रखी थी। आज करीब दो साल के बाद गर्भगृह निर्माण के लिए पहला पत्थर रखने यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ पहुंचे। वैसे तो, योगी जब भी अयोध्या आते हैं रामलला के दर्शन करने जरूर पहुंचते हैं लेकिन आज का उनका दौरा बेहद खास है। उन्होंने अपनी भावनाओं को शब्दों में उड़ेलते हुए सुबह ट्वीट किया, ‘राम काजु कीन्हें बिन मोहि कहां बिश्राम…।’ दरअसल, गर्भगृह का निर्माण शुरू होना उन करोड़ों रामभक्तों के लिए उत्सव का मौका है जिन्होंने रामलला के भव्य मंदिर का सपना देखा है।
1528 से लेकर 9 नवंबर 2019 तक के संघर्षों की तारीखें रामभक्तों को कचोटती रही हैं लेकिन अब रामलला का आलीशान ‘घर’ तैयार हो रहा है। दिसंबर 2023 तक रामलाल गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। हो सकता है कुछ लोगों को समय ज्यादा लग रहा हो लेकिन यह बताया गया है कि ट्रस्ट मंदिर की भव्यता को अद्वितीय रखना चाहता है। नींव से लेकर हर एक पत्थर को तराशकर दिव्य स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। 500 साल के संघर्ष के बाद जो नया राम मंदिर अस्तित्व में आ रहा है, वह आगे 200 या 500 साल के लिए नहीं बल्कि एक हजार साल से भी ज्यादा समय तक भक्तों के लिए ऊर्जा का स्रोत बना रहेगा।
क्रेन से रखी गईं शिलाएं
गर्भगृह के पश्चिम कोने पर परिक्रमा मार्ग पर 9 स्थानों पर 22 नक्काशीदार शिलाएं स्थापित की गई हैं। ये शिलाएं इतनी वजनी हैं कि इन्हें क्रेन से ही उठाया जा सकता है। पूजन से ठीक तीन दिन पहले इनको यहां पर स्थापित किया गया। ये शिलाएं अब अपनी जगह पर रहेंगी, बाकी शिलाएं इनके ऊपर रखी जाएंगी। वेद मंत्रों के साथ आज जल समर्पण, पुष्पार्चन, अक्षत अर्चन आदि कर इन शिलाओं का पूजन किया गया। रामलला के गर्भगृह का आकार 20 फीट चौड़ा और 20 फीट लंबा होगा।