
उन्होंने कहा कि सरकार को संसद सदस्यों और एयरलाइंस के परामर्श के बिना ऐसा फैसला नहीं लिया जाना चाहिए था. शशि थरूर ने लिखा है कि इन दोनों खबरों को अलग मिलाकर देखें तो सीआईएसएफ की तैनाती पर निश्चित ही इसमे सवाल खड़े होते है. टैक्स पे करने वाले लोग जो सार्वजनिक एयरपोर्टों के नागरिक हैं, वो सीआईएसएफ की तैनाती के लिए क्या उनकी निजी गैर-सरकारी संगठन की तुलना में कम प्राथमिकता है?
मंत्रालय के फैसले पर उठे सवाल
नागर विमानन मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय की तरफ से संयुक्त रूप से तैयार 2018-19 कार्य योजना को अब देश भर के 50 असैन्य हवाईअड्डों पर लागू किया जा रहा है. शशि थरूर ने आगे लिखा है कि सरकार को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. केंद्र सरकार ने एक दिन पहले दिल्ली स्थित आरएसएस कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीआईएसएफ की नियुक्ति की है. उन्होंने बताया कि मध्य दिल्ली के झंडेवालान स्थित मुख्य ‘केशव कुंज’ कार्यालय और ‘उदासीन आश्रम’ के पास स्थित इसके कैंप कार्यालय को एक सितंबर से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है.
RSS दफ्तर की सुरक्षा सीआईएसएफ हवाले
बल के जवान दोनों भवन परिसरों में प्रवेश और निकास को नियंत्रित करेंगे तथा परिसर की सुरक्षा के लिए गार्ड अन्य बिंदुओं पर तैनात किए जाएंगे. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर कार्यालय को सीआईएसएफ सुरक्षा मुहैया कराने की मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पहले से ही बल की वीआईपी सुरक्षा इकाई की ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा में हैं. सीआईएसएफ द्वारा संगठन के नागपुर कार्यालय को भी सुरक्षा मुहैया कराई जाती है.