

काशीपुर। नए रूपरंग की बाल वाटिका में नौनिहाल अपनी शिक्षा की नींव रखेंगे। नगर क्षेत्र के 38 प्राइमरी स्कूलों में बाल वाटिकाएं बनाई गई हैं। इन बाल वाटिकाओं में अब आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने आने वाले बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे और स्कूल में बैठना सीखेंगे। नगर क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में 131 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं। अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किराए के कमरों में संचालित करती हैं। क्षेत्र के 3-5 आयु वर्ग के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है। बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता क, ख, ग के साथ गिनती और अक्षरों की पहचान करना सिखाती हैं। अब नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाने वाले बच्चों के लिए सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बाल वाटिका बनाई गई हैं। इन बाल वाटिकाओं में बच्चों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक रंगों के फर्नीचर और दीवारों पर सुंदर पेंटिंग की गई है ताकि बच्चों का रुझान स्कूल की ओर बढ़े और वे मन से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करें।

बीईओ आरएस नेगी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत प्रथम चरण में क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में स्थित 38 प्राइमरी स्कूलों में बाल वाटिका बनाई गई हैं। यहां पर उस क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत बच्चे पढ़ाई करने आएंगे। इन बाल वाटिकाओं को आकर्षक ढंग से तैयार किया गया है ताकि बच्चे खेल-खेल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करें और अभिभावक भी बच्चों को बाल वाटिका भेजने में रुचि लें। बताया कि पूर्व में अभिभावक अपने नौनिहालों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर किसी न किसी कारण से भेजने में कतराते थे। अब उम्मीद है नए रूपरंग में बनाए गए बाल वाटिका में अभिभावकों का रुझान बढ़ेगा।
क्षेत्र के 38 स्कूलों में बनाई गई बाल वाटिका की देखरेख वहां के प्रधानाध्यापक करेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आ रही हैं या नहीं, कितने बच्चे आ रहे हैं इन सभी चीजों की जानकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक के पास होगी। साथ ही नौनिहालों को भी सुंदर बाल वाटिका में पढ़ने की रुचि बढ़ेगी।
आरएस नेगी, बीईओ, काशीपुर विकास खंड।