
चमोली: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज चमोली पहुंचे. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. सीएम धामी ने चमोली के नागनाथ पोखरी में हिमवंत कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल खादी ग्राम उद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव मेले (Chandra Kunwar Bartwal sharadotsav Fair) का शुभारंभ किया. इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी उनके साथ मौजूद रहे.
चंद्र कुंवर बर्त्वाल 28 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए थे. लेकिन इस छोटी सी उम्र में भी वह देश-दुनिया को सुंदर साहित्य दे गए. चंद्र कुंवर बर्त्वाल की कविताएं मानवता को समर्पित थीं. बेशक वह प्रकृति के कवि पहले थे. शूरवीर ने कहा कि बर्त्वाल हिंदी साहित्य के एक मात्र ऐसे कवि थे जिन्होंने हिमालय, प्रकृति व पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्य की सुंदर भावनाओं और संवेदनाओं को अपनी कविताओं में पिरोया. उनकी कविताएं हिमालय व प्रकृति प्रेम की साक्षी रही हैं.
युवावस्था में हुए टीबी के शिकारः कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल (Himwant Kavi Chandra Kunwar Bartwal) प्रमुख कविताओं में विराट ज्योति, कंकड़-पत्थर, पयस्विनी, काफल पाकू, जीतू, मेघ नंदिनी हैं. युवावस्था में ही वह टीबी के शिकार हो गए थे. इसके चलते उन्हें पांवलिया के जंगल में बने घर में एकाकी जीवन व्यतीत करना पड़ा था. मृत्यु के सामने खड़े कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल ने 14 सितंबर, 1947 को हिंदी साहित्य को बेहद समृद्ध खजाना देकर दुनिया को अलविदा कह दिया था.