
देहरादून : NITI Aayog Meeting : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि शताब्दी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार आदर्श उत्तराखंड-2025 को मंत्र बनाकर त्वरित गति से काम कर रही है।
आजादी के अमृत काल के लिए आगामी 25 वर्ष की योजना बनाना भी प्रदेश की प्राथमिकता है। उन्होंने नीति आयोग (NITI Aayog) द्वारा हिमालयी राज्यों की भौगोलिक व पारिस्थितिकी को देखते हुए ही विकास के विज्ञान व प्रौद्योगिकी का माडल बनाने का अनुरोध किया।
जल धाराओं को पुनर्जीवित करने को वृहद कार्यक्रम चलाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं में राज्य की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों के लिए एक जैसी योजना बनाने के स्थान पर राज्य के अनुकूल ही योजना तैयार की जाए। पर्यटन, औद्यानिकी तथा सगंध पौध आधारित योजनाओं से राज्य को अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा।
न्होंने कहा कि जल धाराओं को पुनर्जीवित करने के लिए वृहद कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है। इसमें छोटे बांध व छोटे जलाशय बनाए जाएं। उत्तराखंड पूरे देश को महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इन पारिस्थितिकी सेवाओं को भी देखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में फ्लोटिंग जनसंख्या का दबाव अवस्थापना सुविधाओं पर पड़ता है। इस वर्ष राज्य में चार करोड़ से अधिक कांवडिय़ों का आवागमन राज्य में हुआ। इस संख्या में निरंतर वृद्धि होने की संभावना है।
राज्य के अधिकांश निकायों के आकार के अनुसार उनके पास वित्तीय संसाधन काफी कम हैं। केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय संसाधनों के हस्तांतरण में इस महत्वपूर्ण तथ्य का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद उत्तराखंड सड़क, रेलमार्ग, स्वास्थ्य सेवाएं एवं विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं से लगातार प्रगति की ओर बढ़ रहा है।
बदरीनाथ व केदारनाथ में मास्टर प्लान के अनुसार कार्य किया जा रहा है। एसडीजी के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड अग्रणी राज्य रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि विविधिकरण की अपार संभावनाएं हैं।