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वक्फ बोर्ड में घोटालों को लेकर आप MLA अमानतुल्लाह खान की जाँच करेगी CBI

आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ने वालीं हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने CBI को अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने और अपने करीबियों की नियुक्तियां करने का आरोप लगा है. सीबीआई ने इसी साल मई में अमानतुल्लाह खान पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी.

अमानतुल्लाह खान ओखला से विधायक हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है, इसलिए उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि क्या नियुक्तियां करने में भ्रष्टाचार हुआ था? मैंने किसी से न तो पैसा लिया था और न ही किसी का कोई हक छीना.

एलजी वीके सक्सेना ने खान के अलावा वक्फ बोर्ड के सीईओ महबूब आलम पर भी मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. दोनों पर नियमों का उल्लंघन, पद का दुरुपयोग और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.

क्या है पूरा मामला?

– दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम (मुख्यालय) ने नवंबर 2016 में वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

– इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बोर्ड के कई स्वीकृत और गैर-स्वीकृत पदों पर मनमाने और अवैध तरीके से नियुक्तियां कीं.

सीबीआई को जांच में क्या मिला?

– एसडीएम की शिकायत पर सीबीआई ने केस दर्ज किया था. जांच के दौरान सीबीआई को खान के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मिले हैं.

– न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि खान ने महबूब आलम के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया, जानबूझकर नियमों की अनदेखी की और भर्ती प्रक्रियाओं में हेरफेर कर मनमाने ढंग से अपने चहेतों की नियुक्ती की. इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा.

– सीबीआई ने जांच में ये भी पाया कि अगर भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होती, तो योग्य लोगों को रोजगार मिल सकता था. इस आधार पर सीबीआई ने खान और आलम के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट और आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज करने की मंजूरी मांगी थी.

फंसते जा रहे हैं खान!

– अक्टूबर 2020 में राजस्व विभाग ने मार्च 2016 से मार्च 2020 के बीच का ऑडिट किया था. इस दौरान खान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे. इस ऑडिट रिपोर्ट में राजस्व विभाग ने ‘अनियमितताएं’ होने का आरोप लगाया था.

– इसके अलावा, इसी साल मार्च में बोर्ड के 7 में से 4 सदस्यों ने भी तत्कालीन एलजी अनिल बैजल के सामने खान के खिलाफ अविश्वास पत्र सौंपा था. इन सदस्यों ने खान पर ‘अवैध’ और ‘मनमानी’ नियुक्तियां करने का आरोप लगाया था.

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