
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक ऐसे स्कैम का खुलासा किया है, जिसका वास्ता सीधे तौर पर दिल्ली सरकार से है। 11 अक्टूबर को सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज की है, इस प्राथमिकी के मुताबिक दिल्ली सरकार की जद में आने वाले वन एवं वन्यजीव विभाग के द्वारा एक सरप्लस फंड को फिक्सड डिपॉजिट रिसीप्ट करने के नाम पर एक संदिग्ध बैंक एकाउंट में करीब 223 करोड़ रुपयों को ट्रांसफर किया गया था।
इस पूरे मामले में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात ये है कि जिस एकाउंट में ये रकम ट्रांसफर की गई है वो खाता ही फर्जी है। इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा के एक अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक एलए खान, वन और वन्यजीव विभाग, दिल्ली सरकार और बैंक ऑफ बड़ौदा के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468, 471 के अलावा प्रिवेंशन ऑफ आईपीसी की भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं 13(2) 13(1)(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
फर्जी खाते में रुपये ट्रांसफर किए
सीबीआई को सूत्रों से पता चला कि दिल्ली सरकार के वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा 223 करोड़ रुपये का सरप्लस फंड बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक की पहाड़गंज शाखा को रिज मैनेजमेंट बोर्ड फंड के नाम से एफडीआर में निवेश करने के लिए जारी किया गया था। बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक एल ए खान ने बैंक ऑफ बड़ौदा पहाड़गंज शाखा में खाता संख्या 00980100028204 दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के नाम पर 223 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जो एक फर्जी खाता था।