

नई दिल्ली, एएनआइ: एक ओर बुधवार को जहां देश में 73वां गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। वहीं, दूसरी ओर तीन नए फ्लोटिंग बार्डर आउट-पोस्ट जहाजों के बेड़े को भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में शामिल किया गया। बीएसएफ के अधिकारी ने बताया कि, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने बीएसएफ के लिए 9 फ्लोटिंग बार्डर आउट-पोस्ट में से 3 जहाजों को उन्हें समर्पित कर दिया है। उन्होंने बताया कि, जहाजों के नए बेड़े के शामिल होने से देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा मजबूत होगी।
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआइ को बताया कि, समुद्री सीमाओं की रक्षा करते हुए (एफबीओपी) जहाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे समुद्र में रहकर सीमाओं को चिह्नित करने में मदद करते हैं। अधिकारी ने कहा कि, इन जहाजों से समुद्र में गश्त के दौरान काफी मदद मिलेगी, और छोटी नावों तक पेट्रोल, पीने के पानी की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी। साथ ही भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर इनकी तैनाती की जाएगी।

दरअसल, स्वदेशी रूप से निर्मित एफबीओपी जहाज पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा पर रणनीतिक बेस स्टेशनों के रूप में कार्य करेंगे। ये जहाज देश की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं, और देश के तटीय और अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से व्यापार को बढ़ावा देने में भी मदद करेंगे। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने बीएसएफ को तीन एफबीओपी जहाजों की आपूर्ति की है, जो भारत-पाकिस्तान के 3,323 किलोमीटर और भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के 4,096 किलोमीटर के साथ भूमि और समुद्र की सुरक्षा में अहम साबित होगा।
बता दें कि, तीन जहाजों का एक बेड़ा पिछले साल की शुरुआत में बीएसएफ को दिया गया था, और अगले तीन जहाजों के बेड़े को जल्द ही बीएसएफ को सौंपा जाएगा। एफबीओपी जहाजों के शामिल होने से बीएसएफ के जहाज के बेड़ों की संख्या अब 12 तक पहुंच गई है। इन जहाजों को सीएसएल द्वारा डिजाइन किया गया है और शिपिंग के भारतीय रजिस्टर द्वारा वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक एफबीओपी को चार तेज गश्ती नौकाओं के लिए भंडारण व्यवस्था के साथ डिजाइन किया गया है।