Hope

रानीखेत के चौबटिया में अंग्रेजो के दौर की चाय बागान की जल्द होगी शुरुआत

रानीखेत (अल्मोड़ा)। सब कुछ ठीक रहा तो रानीखेत में अंग्रेजो के दौर में शुरू हुए चाय बागान की फिर से शुरुआत होगी। चौबटिया उद्यान में बाकायदा इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। विभाग ने चार हेक्टेयर भूमि के अलावा ब्रिटिश दौर के पुराने चाय बागान का भी कुछ हिस्सा इसमें शामिल किया है। विभाग कौसानी की तर्ज पर यहां भी चाय बागान विकसित करेगा।

1815 में जब अंग्रेजों ने गोरखाओं को पराजित किया तो यहां यूरोपियन व्यापारी आए। उन्हीं में से एक थे, हेनरी विलियम्सन ट्रुप। उन्होंने रानीखेत में जमीन ली और चौबटिया से लेकर होल्मफार्म तक के जंगलों में चाय बागान विकसित किए। कर्मचारियों के रहने के लिए यहां ट्रुपगंज (वर्तमान श्रीधर गंज) बसाया गया। चौबटिया के प्रख्यात उद्यान में अब एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। विभाग यहां फिर से चाय बागान स्थापित करने की योजना बना रहा है। इसके लिए उद्यान में चार हेक्टेयर भूमि भी चयनित कर ली गई है।

अधिकारियों का कहना है कि जब अंग्रेजों के दौर में चाय बागान विकसित हो सकता है तो अब भी होगा। अंग्रेजों के दौर में चाय बागान का यहां गौरवशाली अतीत रहा है। जानकर बताते हैं तब चाय बागान में सैकड़ों स्थानीय लोगों को रोजगार मिला था, महिलाएं चाय की पत्ती चुगती थी और पुरुष उन्हें सुखाते थे। अब चाय बागान की फिर से शुरुआत हो रही है। फिलहाल प्रयोग के तौर पर प्रयास किया जा रहा है। साहित्यकार विमल सती बताते हैं कि 1815 हैं जब अंग्रेजों ने गोरखाओं को कुमाऊं से भगाया तो यहां कई अंग्रेज व्यापारी के रूप में आये, हेनरी विलियमसन ट्रुप ने यहां जमीन खरीद चाय के बागान लगाए और सैकड़ों लोगों को रोजगार से जोड़ा।

रानीखेत कौसानी में चाय बागान विकसित होने अपर संभावनाएं हैं। चौबटिया उद्यान में चाय बागान विकसित करने की योजना है। इसके लिए चार हेक्टेयर भूमि चयनित कर ली गई है। ब्रिटिश दौर के चाय बागान का कुछ हिस्सा भी इसमें शामिल किया गया है। सब कुछ ठीक रहा तो चौबटिया को चाय हब के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
– डॉ हरमिंदर बवेजा, निदेशक उद्यान।

Leave a Response

etvuttarakhand
Get the latest news and 24/7 coverage of Uttarakhand news with ETV Uttarakhand - Web News Portal in English News. Stay informed about breaking news, local news, and in-depth coverage of the issues that matter to you.