
राजस्थान के भरतपुर में अवैध खनन और साधु विजय दास की मौत मामले में भाजपा की बनाई चार सदस्यों की फैक्ट फाइंडिंग हाई लेवल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कई अहम बातें निकलकर सामने आई हैं। सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भरतपुर में पूरा अवैध खनन राजस्थान सरकार के संरक्षण में हो रहा था। माफियाओं की खुली लूट थी। राजस्थान सरकार के मंत्री की इसमें सीधी मिलीभगत है। राज्य सरकार के संबंधित विभाग के अधिकारियों की इसमें मिलीभगत शामिल है। साथ ही ईडी और एनजीटी जैसी एजेंसियों से भी राजस्थान में कार्रवाई करने की मांग इस रिपोर्ट में उठाई गई है।
जेपी नड्डा ने साधा राजस्थान सरकार पर निशाना
फैक्ट फाइंडिंग हाई लेवल कमेटी में शामिल एक सांसद ने अमर उजाला को बताया कि इस मामले की राजस्थान सरकार निष्पक्ष जांच नहीं करा सकती। इसलिए साधु-संतों की मांग का भाजपा भी समर्थन करती है। इस मामले की जांच होनी ही होनी चाहिए। आज इस मसले से जुड़े बहुत सारे वीडियो बाहर घूम रहे हैं, जिसमें मंत्रियों को किस तरह पैसा देना है यह चल रहा है। धार्मिक स्थल और पूजा योग्य आदि बद्री और कनकाचल पर्वत ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में आता है। इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ और माइनिंग नहीं होनी चाहिए। पर्यावरण की दृष्टि से इनका तुरंत बचाव करना चाहिए। एनजीटी को भी इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। सीबीआई को कार्रवाई करके दोषियों को सजा दिलानी चाहिए। साधु विजय दास जी महाराज का बलिदान व्यर्थ नहीं जाए। यह पूरा अवैध खनन राजस्थान सरकार के संरक्षण में हो रहा था। माफियाओं की खुली लूट थी। राजस्थान सरकार के मंत्री, अफसरों की इसमें सीधे मिलीभगत है। इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए।
इस मसले पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा, राजस्थान में साधु विजय दास के आत्मदाह और बड़े स्तर पर अवैध माइनिंग की जांच के लिए गठित भाजपा की फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट मिल गई है। यह रिपोर्ट राजस्थान में निराशाजनक रवैये और कंट्रोल से बाहर हो चुके माइनिंग माफिया राज को उजागर करती है।
दरअसल, नड्डा ने कमेटी मेंबर में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और सांसद बृजलाल यादव के साथ रिपोर्ट लेते और उस पर चर्चा करते फोटोग्राफ भी शेयर किए हैं। इस दौरान जयपुर ग्रामीण सांसद और भाजपा प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी उनके साथ मौजूद रहे थे।
यह है पूरा मामला
दरअसल, राजस्थान के भरतपुर में स्थित दो पर्वत आदि बद्री और कनकाचल का पौराणिक महत्व है। इसी महत्व को देखते हुए यह दोनों पर्वत जन आस्था के केंद्र भी हैं। लेकिन इन दोनों पर्वत पर सरकारी स्तर पर एवं निजी स्तर पर खनन कार्य काफी दिनों से जारी था। इसी खनन को रोकने के लिए 550 दिन से भी ज्यादा समय से स्थानीय धाम के संत आंदोलन कर रहे थे। भरतपुर के पसोपा इलाके में चल रहे अवैध खनन को लेकर धरने के बीच खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने वाले संत विजय दास का नई दिल्ली में 22 जुलाई की देर रात तीन बजे निधन हो गया था। वह सफदरजंग अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती थे।
संत को गंभीर हालत में जयपुर से दिल्ली में शिफ्ट कराया गया था। संत ने 20 जुलाई को आत्मदाह किया था। इस घटना के पैकेट जुटाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार सांसदों की एक हाई लेवल कमेटी गठित की थी। दूसरी ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संत विजय दास के परिवार वालों को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। साथ ही बृज चौरासी कोस परिक्रमा में खनन को बंद करवाने के मुद्दे पर संत के आत्मदाह की जांच प्रमुख सचिव स्तर के अफसर से करवाने का फैसला किया है।