
उत्तराखंड के आंगनवाड़ी केंद्रों में जुलाई से प्री-स्कूल भी संचालित होने जा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर तैयारियां कर ली है। 6 जुलाई से सरकारी प्राथमिक स्कूलों में स्थित 5 हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्री-स्कूल शुरू होंगे। इन स्कूलों को बाल वाटिका नाम दिया गया है। जहां पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों को खेल-खेल में स्कूल के तैयार करेंगे। शिक्षा विभाग का दावा है कि नई शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका शुरू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा।
नई शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका 5 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए होंगे। जहां बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाएगा। इस स्कूल का उद्देश्य नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को खेल-खेल में स्कूल के लिए तैयार करना है। बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना है। वर्तमान में इस तरह का कांसेप्ट निजी स्कूलों में ही देखने को मिलता है। जहां पर खेल के जरिए बच्चों को स्कूलों के लिए तैयार किया जाता है। लेकिन अब ये सरकारी स्कूलों को भी अपनाना है। जिससे बच्चे को पहले बेहतर माहौल दिया जा सके। बाल वाटिका के बाद बच्चे स्कूल में कक्षाएं देने के लिए तैयार किए जाएंगे।
प्री-स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताब शिक्षा विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएंगी। बाल वाटिका 6 जुलाई से शुरू किया जा रहा है, इसके लिए सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारी निभानी होगी अभी तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पास पोषण से संबंधित कार्य की जिम्मेदारी होती है। इसमें बाल विकास विभाग का भी सहयोग लिया जाता है। इस तरह से आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब दोगुना जिम्मेदारी निभानी होगी।