
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से रक्त कोशिकाओं में फैट जमने लगता है जिस कारण हृदय तक जाने वाला ब्लड फ्लो काफी कम हो जाता है या रुक जाता है. जिससे हार्ट डिजीज, आर्टरी डिजीज, स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ने लगता है. तो अगर आप अपने हार्ट को हेल्दी रखना चाहते हैं और खतरनाक बीमारियों से बचना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखें.
कोलेस्ट्रॉल एक वैक्स की तरह का पदार्थ होता है जो खून की नसों में पाया जाता है. कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन आपके लिवर में होता है लेकिन कई बार यह आपकी ओर से खाए गए खाने के कारण भी बनता है. तो अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं तो जरूरी है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को मेनटेन रखें.
हमारे शरीर में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है. गुड कोलेस्ट्रॉल को शरीर के लिए काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि यह कई तरह के काम करता है. वहीं, बैड कोलेस्ट्रॉल को काफी खराब माना जाता है क्योंकि इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
सैचुरेटेड फैट के कारण बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल – CDC का मानना है कि जो लोग सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट युक्त फूड्स का सेवन करते हैं उनमें कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने का खतरा काफी ज्यादा होता है. सैचुरेटेड और ट्रांस फैट कई चीजों में शामिल होता है जैसे- घी, मक्खन, केक, मीट, बिस्कुट, चीज़ आदि. ये सभी चीजें हार्ट डिजीज के खतरे को काफी ज्यादा बढ़ा देती है.
एक्सरसाइज ना करने वाले लोग- अगर आप हेल्दी लाइफ जीना चाहते हैं तो उसके लिए जरूरी है कि आप रोजाना 20 मिनट एक्सरसाइज करें. अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते या किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटीज में शामिल नहीं होते तो इससे आपके ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है. CDC का मानना है कि मोटापे के कराण भी कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है.
स्मोकिंग करने वालों को होता है खतरा- स्मोकिंग के कारण आपकी रक्त कोशिकाएं डैमेज होने लगती हैं और इनमें फैट जमा होने लगता है. स्मोकिंग के कारण शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल भी कम होने लगता है.
फेमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के कारण- कुछ लोगों को जन्म से ही हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया की समस्या का सामना करना पड़ता है. शरीर में बढ़ने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल के कारण यह समस्या कम उम्र में ही शुरू हो जाती है. अगर इसका इलाज समय पर ना किया जाए तो यह उम्र के साथ बिगड़ती जाती है.
उम्र भी है एक कारण– कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा उम्र के साथ बढ़ता जाता है. जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, आपका शरीर ब्लड में से कोलेस्ट्रॉल को अलग करने में असमर्थ होता जाता है. 55 साल की उम्र के बाद, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी कम होता है.