देश भर में दीपावली त्यौहार की धूम देखी जा रही है. त्यौहार को लेकर बाजार सच चुके हैं. लोग बाजारों में बढ़चढ़कर खरीदारी कर रहे हैं. दीपावली के दौरान सबसे बड़ी चुनौती वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने की रहती है. क्योंकि आतिशबाजी के कारण दीपावली पर वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है, जिसको लेकर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कमर कस ली है.
दीपावली पर आतिशबाजी के कारण एयर क्वालिटी काफी अधिक खराब हो जाती है, जिसको ध्यान में रखते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अपनी रणनीति भी तैयार की है. दीपावली के बाद देहरादून के संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए पानी की बौछार करवाई जाएगी, ताकि एयर क्वालिटी को बेहतर किया जा सके.
वैसे साल 2024 में साल 2023 के मुकाबले एयर क्वालिटी में ज्यादा गिरावट दर्ज नहीं की गई थी. साल 2024 में दीपावली के दौरान देहरादून में एयर क्वालिटी इंडेक्स 288 तक पहुंच गया था, जिससे देहरादून की आबोहवा बिगड़ गई थी. साथ ही पीएम 10 की स्थिति 254.39 और पीएम 2.5 की स्थिति 116.50 हो गई थी.
वहीं साल 2024 के मुकाबले साल 2023 में वायु गुणवत्ता और अधिक खराब थी. साल 2023 में दीपावली के दौरान देहरादून में एयर क्वालिटी इंडेक्स 333 तक पहुंच गया था, साथ ही पीएम 10 की स्थिति 307.15 और पीएम 2.5 की स्थिति 63 हो गई थी.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लगातार बढ़ रहे वाहनों के दबाव की वजह से भी वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. वर्तमान समय में देहरादून का एक्यूआई स्तर संतोषजनक स्थिति में है. यानी 51 से 100 के बीच रह रहा है. लेकिन दीपावली के दौरान एक्यूआई स्तर काफी अधिक बढ़ने की आशंका है. जब एक्यूआई का स्तर 100 से ऊपर जाता है तो उसे सेहत के लिए ठीक नहीं माना जाता है.
मुख्य रूप से जो भी संवेदनशील क्षेत्र हैं, जहां पॉल्यूशन अधिक होने की आशंका है, उन क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए पानी का छिड़काव करने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में मॉनिटरिंग स्टेशन भी लगा दिए गए हैं.
साथ ही बताया गया कि केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है. इसके अलावा सक्षम अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि स्कूलों और अस्पतालों के आसपास पटाखे न फोड़े जाए. उत्तराखंड ने नेशनल लेवल पर एयर क्वालिटी में बेहतर प्रदर्शन किया है. ऐसे पीसीबी की कोशिश है आगामी दीपावली स्वच्छ हो सुरक्षित हो साथ ही एयर क्वालिटी बेहतर रहे.
