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आय बढ़ाने के साथ ही आर्थिकी को मजबूती देने में मददगार बनेगा पिरूल

नैनीताल। उत्तराखंड में जंगल में आग एक विकराल मौसमी समस्या है। यह कई प्रकार से प्रदेश के लिए घातक है। वनाग्नि से पर्यावरण प्रदूषण, जीव-जंतुओं की हानि, वनस्पतियों को नुकसान, कीमती लकड़ियाें का जलना इसके साथ ही कई बार यह आग आबादी में भी आ जाती है, जिससे धन-जन हानि भी होती है।

15 फरवरी से फायर सीजन के शुरू होते ही वनाग्नि की संभावित घटनाओं को लेकर वन विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसी कारण महकमा वनाग्नि नियंत्रण को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करते हुए अन्य तैयारियां भी कर रहा है। महकमे के अफसरों का कहना है कि इस बार पीरूल से रोजगार योजना वनाग्नि नियंत्रण के लिए बेहद सहायक साबित होगी, जिसके लिए नैनीताल वन प्रभाग व्यापक तैयारियों में जुटा हुआ है। सात रेंजों में इस योजना के प्रचार-प्रसार के साथ ही ग्रामीणों को इससे जोडऩे की कवायद भी की जा रही है।

71 फीसदी वन क्षेत्र वाले उत्तराखंड में अधिकांश हिस्सेदारी चीड़ के जंगलों की है। बसंत के बाद चीड़ की पत्तियां गिरती हैं, जो बेहद ही ज्वलनशील होती हैं। पहाड़ों पर अधिकांश वनाग्नि की घटनाएं इन्हीं पत्तियों यानि पीरूल के कारण होती हैं, मगर इस फायर सीजन में नैनीताल वन प्रभाग इस पीरूल को ग्रामीणों के रोजगार का साधन बनाने जा रहा है।

डीएफओ टीआर बीजूलाल ने बताया कि सरकार पीरूल से रोजगार योजना चला रही है। बीते वर्ष कोविड के कारण विभागीय स्तर पर योजना पर अधिक कार्य नहीं हो पाया था, मगर इस वर्ष फायर सीजन में प्रभाग के सात रेंजों में इसका युद्धस्तर पर क्रियान्वयन कर नैनीताल वन प्रभाग को माडल बनाने की योजना है। बताया कि बीते वर्ष कैंपा मद से योजना के लिए चार लाख का बजट प्राप्त हुआ था, जिसमें करीब 400 ट्रक पीरूल एकत्रित किया गया है। इस वर्ष एक करोड़ के बजट की मांग की गई है।

महिला समूहों और मंगल दलों की सहभागिता से बनेगी बात
डीएफओ ने बताया कि प्रभाग के सात रेंजों में रेंजर ग्रामीण महिला समूहों और युवक मंगल दलों से संपर्क साध रहे हैं। रेंज स्तर पर ग्रामीणों के साथ बैठक कर जन सहभागिता बढ़ाते हुए सीधे इस योजना से उनको जोड़ा जाएगा। एकत्रित होने वाले पीरूल के लिए छह रुपये प्रति किलो के भाव से ग्रामीणों को भुगतान किया जाएगा। इसमें तीन रुपया वन विभाग, जबकि तीन रुपया अनुबंधित सेंचुरी पेंपर मिल देगा। बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के लिए भी योजना से रोजगार उपलब्ध हो पायेगा।

 

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