
असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा ने अपनी कंपनी पर लगाए गए पीपीई किट घोटाले के आरोपों से स्पष्ट इनकार किया है। रिंकी सरमा ने कहा कि आरोप निराधार हैं।
कथित घोटाले को लेकर एक न्यूज पोर्टल में प्रकाशित रिपोर्ट का खंडन करते हुए रिंकी सरमा ने यह बात कही। कुछ मीडिया वेबसाइट ने कोरोना काल में आपात चिकित्सा उपकरणों की सप्लाई को लेकर एक आरटीआई अर्जी के जवाब में मिली कथित जानकारी के आधार पर यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चार फर्मों को यह आर्डर दिए गए थे, उनमें से तीन रिंकी सरमा व असम के सीएम के परिवार के कारोबारी सहयोगियों से जुड़ी हैं।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीएम की पत्नी के स्वामित्व की कंपनी जेसीबी इंडस्ट्रीज को 5000 पीपीई किट्स का आर्डर दिया गया था, जबकि इस कंपनी को चिकित्सा आपूर्ति को कोई अनुभव नहीं था। इसके बावजूद नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) असम ने उसे आर्डर दिया। आरोप लगाया गया है कि टेंडर प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया। सीएम सरमा उस वक्त राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे।
रिंकी सरमा ने यह बयान जारी किया
इन आरोपों को लेकर रिंकी सरमा ने ट्विटर पर अपना आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा, ‘एक वेबसाइट ने एनएचएम को मेरे द्वारा पीपीई किट्स की सप्लाई को लेकर निराधार आरोप लगाए हैं। मार्च 2020 में कोविड महामारी के दौरान असम में एक भी पीपीई किट उपलब्ध नहीं था। इसका संज्ञान लेते हुए मैंने एक व्यवसायिक परिचित से संपर्क किया और काफी प्रयासों के बाद एनएचएम-असम को करीब 1,500 पीपीई किट की आपूर्ति की।’ अपने दावे के समर्थन में रिंकी सरमा ने एनएचएम असम के निदेशक एस. लक्ष्मण द्वारा जेसीबी इंडस्ट्रीज को 27 मार्च 2020 को दिए गए प्रशस्ति पत्र को भी संलग्न किया है। इसमें 1485 पीपीई किट्स मुहैया कराने को लेकर कंपनी के प्रति हृदय से आभार जताया गया है।
आपूर्ति के बदले में एक पाई नहीं ली
उन्होंने यह भी लिखा कि, ‘मेरे संगठन ने कोविड के खिलाफ जंग में एनएचएम की मदद की है। आरोग्य निधि में भी दान दिया गया। मैं अपनी ओर से देश की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगी। इसे मेरी ओर से कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी का हिस्सा माना जाए। इस आपूर्ति के बदले में मैंने एक पाई नहीं ली है। मैं समाज को देने में विश्वास करती हूं, भले ही मेरे पति की राजनीतिक हैसियत चाहे जो हो।’