
देहरादून: उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के बाद इस्तीफों का दौर शुरू हो चुका है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंप दिया है. वहीं, अब कार्यकारी अध्यक्षों पर इस्तीफे का भारी दबाव है. वैसे आपको बता दें कि राज्य बनने के बाद अब तक कांग्रेस को पांच प्रदेश अध्यक्ष मिल चुके हैं. अब पार्टी अपने छठे प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में जुट गई है.
हरीश रावत बने पहले पहले कांग्रेस अध्यक्ष: राज्य स्थापना के बाद सबसे पहले हरीश रावत उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे. करीब 6 साल तक हरीश रावत ने इस पद को संभाला. इस दौरान 2002 में उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने 36 सीटें लाकर पूर्ण बहुमत हासिल किया और उत्तराखंड में सरकार बनाने में कामयाबी रही. लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में हरीश रावत के अध्यक्ष रहते पार्टी 5 में से केवल एक ही सीट जीत पाई. यही नहीं इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और भाजपा ने प्रदेश में सरकार बना ली. इस तरह हरीश रावत के इस कार्यकाल में एक कामयाबी मिली तो दो चुनाव में भाजपा से पिछड़ना पड़ा.
उधर 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा भी पांचों सीटों पर जीत हासिल कर 2009 का बदला लेने में कामयाब रही. इस तरह 2007 से 2014 तक यशपाल आर्य कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे. इस दौरान उन्होंने जहां दो चुनाव जीते वहीं, एक चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. इस तरह यशपाल आर्य का कार्यकाल प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सबसे सफल कार्यकाल माना गया.
प्रीतम सिंह भी नहीं कर पाये कमाल: 2017 में प्रीतम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और उन्होंने भी करीब 4 साल तक इस जिम्मेदारी को संभाला. उनके कार्यकाल के दौरान 2019 में कांग्रेस को लोकसभा की 5 सीटों पर हार मिली. इसके बाद उन्हें अपना पद भी त्यागना पड़ा. हालांकि, प्रीतम 2021 तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने रहे.