
तीतरी (पिथौरागढ़): विकास खंड कनालीछीना के नेपाल सीमा से लगे तल्लाबगड़ क्षेत्र के तीतरी स्थित राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में 27 वर्षों बाद चिकित्सक की नियुक्ति हुई है। चिकित्सक की तैनात से नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र की 20 हजार की आबादी को अब उपचार के लिए दस से लेकर साठ किमी दूर तक जाने से राहत मिलेगी।
नेपाल सीमा से लगे तल्लाबगड़ क्षेत्र में वर्ष 1989 में तत्कालीन ग्राम प्रधान दान सिंह धामी के प्रयास से राजकीय ऐलोपैथिक अस्पताल खुला। तब से लेकर 1995 तक इस अस्पताल में पूरा स्टाफ तैनात रहा। वर्ष 1995 से वर्तमान समय तक अस्पताल फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा था। एलोपैथिक अस्पताल का कार्य भी आयुर्वेदिक चिकित्सालय के फार्मासिस्ट संदीप डबराल संभाले थे। यहां पर राजकीय ऐलोपैथिक और राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल दोनों उप स्वास्थ्य केंद्र में संचालित होते हैं। इससे पूर्व ऐलोपैथिक अस्पताल 20 वर्षों तक किराये के मकान पर चलता रहा।
अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने से तल्लाबगड़वासियों को हल्का बीमार पड़ने पर उपचार के लिए अस्कोट, डीडीहाट या फिर जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ जाना पड़ता था।
चिकित्सक की तैनाती होने से अब जनता को घर के पास ही उपचार मिलेगा। जनता का समय बचेगा और आर्थिक नुकसान भी नहीं उठाना पड़ेगा। चिकित्सक की तैनाती से खुश जनता ने सरकार से अब अस्पताल भवन की मांग की है। सीमा पर स्थित चिकित्सालय में चिकित्सक की तैनात से अब मित्र राष्ट्र नेपाल के ग्रामीणों को भी उपचार के लिए राहत मिलने लगी है।