78वां एनसीसी दिवस के मौके पर निदेशालय ने “एकता और अनुशासन” के ध्येय वाक्य को दोहराते हुए युवाओं में नेतृत्व और चरित्र निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की. समारोह में NCC के ग्रुप कमांडर, सैन्य अधिकारी, सिविलियन स्टाफ और सभी बटालियन के NCC कैडेट्स उपस्थित रहे. मेजर जनरल रोहन आनंद, ADG, उत्तराखंड निदेशालय, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. उन्होंने उच्च प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स और स्टाफ को सम्मानित किया.
वर्तमान में निदेशालय राज्य के 44,087 कैडेटों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है. कैडेटों को गणतंत्र दिवस शिविर, अंतर निदेशालय खेल शूटिंग चैम्पियनशिप, थल सैनिक शिविर, युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम, पर्वतारोहण अभियानों, पैरा बेसिक कोर्स, वार्षिक प्रशिक्षण शिविरों, संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर, राष्ट्रीय एकता शिविर, एक भारत श्रेष्ठ भारत, तथा आर्मी, एयर फ़ोर्स और नेवल अटैचमेंट कैंप सहित विभिन्न प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में भागीदारी का अवसर मिलता है. इन कार्यक्रमों के माध्यम से कैडेट साहसिक गतिविधियों, शारीरिक सहनशक्ति और सैन्य अनुशासन के उत्कृष्ट मानक सीखते हैं.
निदेशालय ने वर्षभर में प्राप्त उपलब्धियों को भी साझा किया. इस दौरान 762 कैडेटों ने विभिन्न एडवेंचर कैंपों में हिस्सा लिया, जबकि 4 कैडेटों ने माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर उत्तराखंड का मान बढ़ाया. इसके अतिरिक्त, 325 कैडेट ‘युवा आपदा मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित हुए. 1,140 कैडेट सशस्त्र बलों में चुने गए. 631 कैडेटों को सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त हुआ.
मेजर जनरल रोहन आनंद ने समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित किया.मेजर जनरल रोहन आनंद ने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन के रूप में एनसीसी अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्र सेवा का स्तंभ बना हुआ है. संगठन का लक्ष्य युवाओं में चरित्र, सौहार्द, धर्मनिरपेक्षता, निस्वार्थ सेवा और आत्मविश्वास जैसे मूल्यों को विकसित करना है, ताकि वे समाज और राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान दे सकें.
एनसीसी (NCC) का पूरा नाम National Cadet Corps (राष्ट्रीय कैडेट कोर) है. यह भारत की एक स्वैच्छिक सैन्य प्रशिक्षण संस्था है, जो स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए होती है.
एनसीसी मुख्य उद्देश्य
- युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, देशभक्ति, टीम वर्क और चरित्र निर्माण करना.
- सैन्य जीवन की बेसिक ट्रेनिंग देना (बिना उन्हें अनिवार्य रूप से सेना में भर्ती करना
- आपदा प्रबंधन, सामाजिक सेवा और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है.
