
अल्मोड़ा : महामारी के बाद भी स्वास्थ्य महकमा कार्यप्रणाली सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक के बाद भी जिले में 73 वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं। अब तक एक भी वेंटिलेटर मरीजों के लिए संचालित नहीं हो सका है। जबकि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मरीजों को लगातार रेफर किया जा रहा है।
कोविड-19 की पहली लहर में वेंटिलेटर भी पहाड़ चढे़। अल्मोड़ा जिले के लिए पहली बार वेंटिलेटर स्वीकृत हुए थे। मेडिकल कालेज, बेस, जिला अस्पताल और रानीखेत समेत जिले को कुल 73 वेंटिलेटर मिल चुके हैं। डेढ़ साल से अधिक समय बाद अब तक जिले में वेंटिलेटर की सुविधा शुरू नहीं हो सकी है। इन दिनों ओमिक्रोन देश में पैर पसार रहा है। ओमिक्रोन को खतरनाक बताया जा रहा है, कोरोना के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन यहां वेंटिलेटर संचालित नहीं होने से मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर निपटने और अब ओमिक्रोन के खतरे के बीच भी जिले में अब तक वेंटिलेटर संचालित नहीं हो पाना चिता का विषय है। स्वास्थ्य महकमा सभी वेंटिलेटरों की टेस्टिग होने की बात कर रही है। पर इसके बाद भी मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल सका है।
जिले में 73 वेंटिलेटर हैं, सभी की टेस्टिग हो चुकी है। जरूरत पड़ने पर मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा देने की पूरी कोशिश की जा रही है।
– डा. आरसी पंत, सीएमओ