
देहरादून : दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई ओटी, आईसीयू और इमरजेंसी बिल्डिंग को शुरू करने में प्रबंधन को झटका लगा है। निर्माण कार्य सुस्त गति से होने के चलते प्रबंधन के एक जुलाई से बिल्डिंग का संचालन शुरू करने के दावे हवाई साबित हुए हैं। गुरुवार को प्राचार्य ने जब टीम के साथ यहां पर निरीक्षण किया तो कई खामियां मिली। अब इसके संचालन को पांच फ्लोर को पूरी तरह से तैयार होने और हैंडरओवर नहीं होने तक रोक दिया गया है।
प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को बिल्डिंग का निरीक्षण किया। बेड के पास बिजली के स्विच, ऑसीजन प्वाइंट, कॉलिंग सिस्टम, साइन बोर्ड, रैंप पूरा नहीं मिला। कई जगह पर फॉल सिलिंग टूटी मिली और पानी टपकता हुआ मिली। ड्रेनेज का सिस्टम नहीं बना मिला। शौचालय में निकासी जाली में जंग लगा मिला, बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं मिली। सीसीटीवी कैमरे भी कम लगे मिले। ऑक्सीजन प्लांट का काम भी अधूरा मिला और ओटी एवं आईसीयू संचालन के लिए व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी। जिसके चलते बिल्डिंग नहीं चलाई जा सकती, कार्यदायी संस्था के जीएम सिविल को सारी स्थिति से अवगत करा इसे पूरा कराने को कहा है। इस दौरान डिप्टी एमएस डा. एनएस खत्री, इमरजेंसी प्रभारी डा. धनंजय डोभाल, वरिष्ठ सर्जन डा. राकेश रावत, स्टाफ ऑफिसर डा. प्रनम प्रताप सिंह, डा. कुमार जी कौल, डा. अमित अरुण, सीपीआरओ महेंद्र भंडारी, पीआरओ दिनेश रावत, पंजीकरण प्रभारी विनोद नैनवाल आदि थे।
129 करोड की बिल्डिंग, कई बार बदली डेडलाइन
पांच फ्लोर की बिल्डिंग करीब 129 करोड की लागत से सात साल से बन रही है। बार बार इसकी डेडलाइन तय की जाती है, लेकिन नतीजा वहीं सिफर। इस बार भी यही साबित हुआ। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना और कार्यदायी संस्था के अफसरों ने 30 जून तक तीन फ्लोर का काम पूरा इसे जनता को समर्पित करने का दावा किया था। लेकिन न तो कार्यदायी संस्था ने काम में तेजी दिखाई और न ही अस्पताल के अफसरों एवं डाक्टरों ने कोई सुध ली।
अब पांचों फ्लोर एक साथ शुरू करेंगे
प्राचार्य ने कहा कि पहले वह तीन फ्लोर शुरू करने का प्लान कर रहे थे, लेकिन उसमें ही कई अड़चने आ गई। अब वह पांच फ्लोर जब पूरे तैयार हो जाएंगे और उन्हें एनओसी देकर हैंडओवर बिल्डिंग कर दी जाएगी। उसके बाद ही यहां पर संचालन शुरू किया जाएगा। ताकि किसी तरह की दिक्कत न आए। क्योंकि ओपीडी बिल्डिंग में ए ब्लॉक शुरू करके अब तक बी ब्लॉक का काम पूरा नहीं हुआ है।